E20 Fuel 2025 – क्या ये आपकी पुरानी गाड़ी को बर्बाद कर देगा? पूरी Guide पढ़ें

 

Ethanol Fuel 2025: क्यों बढ़ रहा है गाड़ियों का Damage, Mileage Loss और आम आदमी का खर्च – पूरी सच्चाई Inside





भारत में 2025 आते-आते petrol में E20 fuel लागू करने की तैयारी सबसे बड़ा national debate बन चुकी है। सरकार का कहना है कि petrol में 20% ethanol मिलाने से pollution कम होगा, foreign oil import घटेगा और economy मजबूत होगी। बात सुनने में अच्छी लगती है, लेकिन ground पर इसका असर बिल्कुल अलग दिख रहा है—गाड़ियाँ खराब हो रहीं, mileage गिर रहा है, maintenance cost बढ़ रहा है और सबसे बड़ा सवाल ये कि फायदा आखिर किसे मिल रहा है?


Ethanol एक alcohol होता है, जिसे science में ethyl alcohol कहा जाता है। इसका ethanol formula C₂H₅OH है, जिसे कई लोग chemical formula of ethanol, formula of ethanol, ethyl alcohol chemical formula या ethyl alcohol formula भी बोलते हैं। Chemistry की किताबों में आपको ethanol का दूसरा रूप C₂H₆O भी मिलेगा, जिसे molecular formula of ethanol या molecular formula of ethyl alcohol कहा जाता है। Ethanol की structure भी simple होती है—एक ethyl chain और एक OH group—जिसे ethyl alcohol structure या structure of ethyl alcohol के नाम से study किया जाता है।


भारत में ethanol मुख्य रूप से sugarcane से बनाया जाता है। देश की sugar mills molasses और juice का उपयोग करके ethanol production बढ़ा रही हैं। पिछले 4–5 सालों में ethanol output कई गुना बढ़ गया है, क्योंकि petrol में ethanol blending की नीति aggressively आगे बढ़ाई गई है। वहीं दूसरी तरफ पेट्रोल पंपों पर E20 लागू होने के बाद vehicle owners की परेशानियाँ बढ़ने लगी हैं। कई लोगों ने बताया कि जैसे ही उन्होंने E20 भरवाया, उनकी गाड़ी में knocking, ज्यादा heat, low pickup और cold-start problem आने लगी। Mechanics भी साफ कह रहे हैं कि ethanol पानी को खींचता है, जिससे tank और pipes में corrosion का खतरा बढ़ जाता है, खासकर पुरानी गाड़ियों में।


Mileage में भी 6% से लेकर 12% तक drop देखने को मिला है। यानी अगर कोई पहले 1000 रुपये में 8–9 दिन चल रहा था, अब वही fuel 6–7 दिन ही चल पाता है। लोग कह रहे हैं कि petrol में ethanol मिला कर फायदा industry का हो रहा है, लेकिन उसका नुकसान जनता को भुगतना पड़ रहा है। कई जगह owner ने बताया कि गाड़ी के rubber parts, fuel pump और injectors भी affected हो रहे हैं क्योंकि older engines ethanol-compatible नहीं होते।

Ethanol vs Petrol: क्या भारत तैयार है E20 के लिए? Engine Damage, Chemical Formula और पूरे विवाद की बड़े लेवल पर Explanation



अब बात करते हैं फायदा किसका हो रहा है। इंडिया की sugar mills को ethanol बेचकर बहुत बड़ा profit हो रहा है। Oil companies blending से cost reduce कर रही हैं। Auto companies नए E20-ready models launch कर रही हैं, जिनकी कीमतें पहले वाले basic models से ज्यादा रखी जा रही हैं। Stock market में भी ethanol से जुड़ी कंपनियों में तेजी आई है। 2024–25 में ethanol stocks जैसे Praj Industries, Balrampur Chini, Triveni Engineering, Dhampur Sugar, Shree Renuka Sugars ने अच्छा फायदा कमाया। Investors के लिए ये companies goldmine बन गई हैं, लेकिन आम आदमी के लिए petrol पहले से भी महंगा महसूस हो रहा है।




एक और बड़ा सवाल खेती को लेकर उठ रहा है। Ethanol बढ़ने से किसानों को बड़ा फायदा मिलने की बात कही जाती है, लेकिन ground reality अलग है। Sugarcane का MSP वही रहता है, चाहे ethanol 300 रुपये से बढ़कर 600–700 रुपये per litre क्यों न हो जाए। यानी ethanol से जो profit generate हो रहा है, वह ज़्यादातर mills और oil companies तक सीमित है। किसान को वही पुराना rate मिलता है, जिससे उनकी earning में खास बढ़ोतरी नहीं हो रही।


2025 में ethanol policy का सबसे बड़ा issue यह है कि इसकी implementation balanced नहीं है। Urban areas में fuel जल्दी बदल गया, लेकिन villages या highways पर अभी भी mixed-quality fuel मिल रहा है। पुरानी गाड़ियों के लिए अलग fuel availability नहीं है। Petrol की कीमत कम करने का फायदा लोगों को नहीं दिया गया। Maintenance cost पहले से दोगुना हो गया है। कई लोग कह रहे हैं कि ethanol से pollution भले कम हो जाए, लेकिन pocket pressure बढ़ गया है।


Science की नजर से ethanol एक clean fuel है, renewable है, और oil import घटाने में मदद करता है। लेकिन अगर इसकी वजह से करोड़ों लोगों की गाड़ियों पर असर पड़ रहा है, तो पहले सरकार को nationwide testing और public support system मजबूत करना चाहिए था। जब तक पुरानी गाड़ियों के लिए proper guidelines, compensation model या alternate non-ethanol fuel available नहीं होता, तब तक ये blending आम लोगों के लिए परेशानी ही बनकर रहने वाली है।


India की energy policy का future ethanol पर depend करेगा, लेकिन उसका burden जनता पर नहीं डालना चाहिए। अगर वास्तव में clean fuel लाना है, तो पहला काम यह होना चाहिए कि लोगों की गाड़ियाँ सुरक्षित रहें, उनकी जेब सुरक्षित रहे और fuel की quality 100% check होकर मिले। तभी ethanol का असली फायदा देश को मिलेगा, न कि सिर्फ कुछ कंपनियों को।

एक टिप्पणी भेजें

Please Select Embedded Mode To Show The Comment System.*

और नया पुराने